Wednesday 19 June 2013

इस्लाम के पैगम्बर की नौ साल की बीवी आइशा

आइशा , इस्लाम के पैगम्बर की दूसरी बीवी अठारा साल की थी ,यह झूठ सिर्फ उन देशों में बोल जाता है जहाँ इस्लाम का गड नहीं है और जहाँ इस्लाम को अभी चुपके से कब्ज़ा करना है । जिन देशों में इस्लाम का बोल बल है वहां खुले में टी वी पर बोल जाता है के मोहम्मद ने ९ साल की लड़की के साथ सम्भोग किया था और ९ साल की लड़कियों की शादी ४ ० साल के बुद्धों से कर दी जाती है
अनुवाद : " पहले हम निकाह के इकरार नामे की बात करेंगे , एक तो है औरत के साथ पहली बार सम्भोग करने की बात , निकाह के इकरार के लिए कोई भी न्यूनतम आयु नहीं है , निकाह का इकरार एक साल की लड़की के साथ भी हो सकता है नौ , साथ , आठ तो दूर की बात है , यह सिर्फ एक निकाह का इकरार है जो स्वीकृति दिखता है । इस में संरक्षण/अभिभावक पिता होना चाहिए , पिता की स्वीकृति अनिवार्य है । तो लड़की , बीवी बन जाती है लेकिन सम्भोग के लिए अभी वोह तैयार नहीं है , सम्भोग के लिए लड़की की क्या सही आयु है ? यह जगह और परंपरा पे निर्भर करता है । यमन में लड़कियों की शादी , नौ ,दस , ग्यारह , आठ , तेरह तक हो जाती है , जबकि बाकि जगहों पर सोलह साल में , कुछ देशों ने सम्भोग को अठारह से पहले गैर क़ानूनी कर दिया है ।

हम पैगम्बर मोहम्मद का आदर्श अनुकरण करते हैं , उन्होंने एषा को छे साल की उम्र में अपनी बीवी बनाया लेकिन उस के साथ स्मभोग नौ वर्ष की आयु में ही किया , उन्होंने उससे शादी छे साल की उम्र में की लेकिन उस के साथ पहली बार सम्भोग नौ वर्ष की आयु में हे किया । हम पैगम्बर मोहम्मद को अपना आदर्श मानते हैं ।
टी व् एंकर: मेरा आप से सवाल है , क्या एक बारह साल के लड़के की ग्यारह साल की लड़की के साथ शादी सही है , और शरिया में जायज है ?
इमाम का जवाब : अगर पिता लड़की का संरक्षण है और अपनी बेटी की शादी एक लड़के से करे तो वोह जायज है । हर इंसान के अलग स्थिथि होती है , सोचो अगर एक इन्सान की दो , तीन याँ चार बेटियां हो , कोई बीवियाँ ना हो और उसे बहार जाना पड़े ,तो आच नहीं है के वोह उसकी शादी एक ऐसे आदमी से करे जो उसकी देखभाल करे उसे संभाले ,और जब वोह सही उम्र पे पहुँच जाये उसके साथ सम्भोग करे ? कौन कहता है सब मर्द भूखे भेडिये हैं ?